masoom sa chehra Shayari in Hindi
masoom sa chehra Shayari in Hindi
हर हीरा चमकदार नहीं होता,
हर समंदर गहरा नहीं होता,
दोस्तों ज़रा संभल कर प्यार करना,
हर खूबसूरत चेहरा वफादार नहीं होता,
खूबसूरती से मासूमियत नहीं जलकती है,
साहबमासूमियत देखनी है,
तो उस बच्चे से पूछो जो
दिन भर खिलौनों की दुकान पर काम करता ह,
मासूम होकर अचानक से वो बोला,
भाई पानी की मशीन चालु कर द,
अधुरा सा बैठा हू कब से अन्दर,
masoom shayari in hindi
शाम की लाली तेरी रंगत की याद दिलाती है,
तेरी मासूमियत ही मुझे तेरी ओर खींच लाती है,
ये गुल सा मासूम चेहरा उस पर खिला रंग सुनहरा,
और क्या तारीफ करे आपकी आपको तो खुदा ने,
अपने हाथो से है नवाजा,
ना जाने वह बेवफा मन में कैसे मुस्कुरा लेती है,
मासूम सूरत को याद कर आंख मेरी अब भर आती है,
masoom chehra shayari in hindi
मासूम सा दिल मेरा मुझसे बार बार कह रहा है,
वो अपना है ही नहीं जिसे तूने जिंदगी बनाया ह,
कितनी मासूम होती हैं माँ की ममता,
अपने बच्चों की सलामती के लिए,
कभी मंदिर में प्रसाद चढ़ाती हैं,
तो कभी दरगाह में चादर चढ़ाती हैं,
कभी गुरुद्वारे में अरदास करती हैं,
तोकभी गिरिजाघर में प्रार्थना करती हैं,
मोहब्बत की दास्तान तब्दील बेवफाई में हो गई,
ना जाने उसकी मासूम प्रेम कहानी कहां खो गई,