Pyaipuram shayari

आओ यार बस एक बार ज़िंदा
हो बात कर लें ख़ाक हो गए हैं
मज़ाक फिर भी मज़ाक कर लें !!

वो लड़का जिसने कल सुसाईड
कर लिया ना सुना हैं उसके गले
पर निशाँ मिले हैं उन ख़्वाबों के
जो उसने आँखों में बुने थे !!

इंसान सिर्फ दो नस्ल के होते हैं!
एक होते हैं हरामी और एक
बेवकूफ और सारा खेल
इन दोनों का है !!

एक छोटी सी गुजारिश है बंधु!
अपने लेफ्ट और राईट के चक्कर
में बस अपने देश को ना भूल जाना!!

शिकायत और दुआ में जब
एक ही शख्स हो समझ लो
इश्क करने की अदा आ गयी तुम्हे !!

ना चाहत के अंदाज़ अलग ना
दिल के ज़ज्बात अलग थी
सारी बात लकीरों की तेरे हाथ
अलग मेरे हाथ अलग !!

सूकून मिलता है दो लफ्ज कागज
पर उतार कर चीख भी लेता हूं
और आवाज भी नहीं होती !!

दर्द की बारिशों में हम अकेले ही
थे जब बरसी खुशियां ना जाने
भीड़ कहां से आ गई !!

कहीं ये सीधी साधी जिंदगी है
कहीं पे भोली भाली जिंदगी है!
कहीं पे रूखी कहीं पे भूखी कहीं
पे खाली खाली जिंदगी है!

वो नज़र आता है नहीं तो है
ख़ुदा किस काम का ढूँढता मुरख
हवा को मुझपे ये इल्ज़ाम है !!

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