Satya vachan shayari
तक़दीर बदल जाती हे, जब जिंदगी का,
कोई मकसद हो वरना उम्र काट जाती हे,
तक़दीर को इल्जाम देते देते,
किसी को पुरखो की जमीन बेचकर भी,
चैन नहीं और कोई गुब्बारे बेचकर ही,
सो गया सुकून से,
बेशक किसी को माफ बार बार करो,
लेकिन उस पर भरोसा एक बार ही करो,
अगर भविष्य के बारे में सब कुछ पता,
चल जायेगा तो ज़िन्दगी रोमांचक कभी नहीं रहेगी,
कदम, कसम और कलम हमेशा सोच,
समजकर ही उठानी चाहिए,
जो व्यक्ति हर वक्त दुख का रोना रोता है,
उसके द्वार पर खड़ा सुख बाहर से ही लौट जाता है,
नाखून बढ़ने पर नाखून ही काटे जातें है,
उंगलियां नहीं इसी तरह रिश्ते में दरार
आये तो दरार को मिटाइये,रिश्ते को नही,
पानी मे गिरने से जान नहीं जाती जान
तब जाती है जब तैरना नहीं आता,
किसी को धोखा देना एक कर्ज़ है जो
आपको किसी और के हाथों एक दिन जरूर मिलेगा,
असफलताएं आपको नहीं रोकती मुश्किलें भी,
आपको नहीं रोकती आप खुद अपने,
आप को रोकते ह,